10 भूगोल

खनिज संसाधन

तांबा

तांबा एक महत्वपूर्ण अयस्क है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से बिजली के तार, इलेक्ट्रॉनिक और रसायन उद्योग में होता है। मध्यप्रदेश की बालाघाट की खानों में भारत का 52% तांबा निकलता है। 48% शेअर के साथ राजास्थान तांबे का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। तांबे का उत्पादन झारखंड के सिंहभूम जिले में भी होता है।

अलमुनियम

अलमुनियम का इस्तेमाल कई चीजें बनाने में किया जाता है क्योंकि यह हल्का और मजबूत होता है। अलमुनियम के अयस्क को बॉक्साइट कहते हैं। बॉक्साइट के मुख्य भंडार अमरकंटक के पठार, मैकाल पहाड़ी और बिलासपुर कटनी के पठारी क्षेत्रों में हैं। बॉक्साइट का मुख्य उत्पादक उड़ीसा है जहाँ 45% बॉक्साइट का उत्पादन होता है। उड़ीसा में बॉक्साइट के मुख्य भंडार पंचपतमाली और कोरापुट जिले में हैं।

अभ्रक

अभ्रक एक ऐसा खनिज है जो पतली प्लेटों के कई लेयर से बना होता है। कुछ ही सेंटीमीटर अभ्रक की शीट में हजारों प्लेटें हो सकती हैं। अभ्रक के पास उच्च डाई-इलेक्ट्रिक शक्ति, निम्न ऊर्जा ह्रास फैक्टर, इंसुलेशन प्रोपर्टी और हाई वोल्टेज से रेसिस्टेंस की शक्ति होती है। इसलिए अभ्रक को इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में इस्तेमाल किया जाता है।

अभ्रक के भंडार छोटानागपुर पठार के उत्तरी किनारों पर पाये जाते हैं। झारखंड का कोडरमा गया हजारीबाग बेल्ट अभ्रक का मुख्य उत्पादक है। अभ्रक का उत्पादन राजस्थान के अजमेर और आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में भी होता है।

खनन के दुष्प्रभाव

खानों में काम करने वाले मजदूरों और आस पास रहेन वाले लोगों के लिये खनन एक घातक उद्योग है। खनिकों को कठिन परिस्थिति में काम करना पड़ता है। खान के अंदर नैसर्गित रोशनी नहीं मिल पाती है। खानों में हमेशा खान की छत गिरने, पानी भरने और आग लगने का खतरा रहता है। खान के आस पास के इलाकों में धूल की भारी समस्या होती है। खान से निकलने वाली स्लरी से सड़कों और खेतों को नुकसान पहुँचता है। इन इलाकों में घर और कपड़े ज्यादा जल्दी गंदे हो जाते हैं। खनिकों को सांस की बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है। खनन वाले क्षेत्रों में सांस की बीमारी के केस अधिक होते हैं।

खनिजों का संरक्षण

खनिजों के बनने में करोड़ों वर्ष लग जाते हैं। इसलिये खनिज अनवीकरण योग्य संसाधण की श्रेणी में आते हैं। जिस तेजी से हम खनिजों का इस्तेमाल कर रहे हैं उसकी तुलना में खनिजों का पुनर्रभरण की प्रक्रिया अत्यंत धीमी होती है। इसलिए खनिजों का संरक्षन महत्वपूर्ण हो जाता है।