10 इतिहास

एक ग्लोबल विश्व

Extra Questions Answewrs

प्रश्न:1 सिल्क रूट का क्या मतलब है?

उत्तर: जो व्यापार मार्ग चीन को पश्चिमी देशों और अन्य देशों से जोड़ता था उसे सिल्क रूट कहते हैं। उस जमाने में कई सिल्क रूट थे। सिल्क रूट ईसा युग की शुरुआत के पहले से ही अस्तित्व में था और पंद्रहवीं सदी तक बरकरार था।

प्रश्न:2 किस तरह चेचक की बीमारी ने यूरोपीय लोगों के लिये अमेरिका में रास्ता आसान बना दिया?

उत्तर: चेचक की बीमारी ने यूरोप के लोगों पर पहले ही आक्रमण किया था। इसलिये यूरोप के लोगों के शरीर में इस बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधन क्षमता विकसित हो चुकी थी। लेकिन तब तक अमेरिका दुनिया के अन्य भागों से अलग थलग था। इसलिये अमेरिकी लोगों के शरीर में चेचक से लड़ने के लिये प्रतिरोधन क्षमता विकसित नहीं हुई थी। जब यूरोप के लोग अमेरिका पहुँचे तो वे अपने साथ चेचक के जीवाणु भी ले गये। इससे अमेरिका के लोगों में चेचक की बीमारी फैलने लगी। इस बीमारी ने अमेरिका के कुछ भागों की पूरी आबादी साफ कर दी। इस तरह से यूरोपियन लोगों को अमेरिका पर आसानी से जीत हासिल हो गई।

प्रश्न:3 उन्नीसवीं सदी के आखिरी दशक तक किस तरह से कृषि क्षेत्र में एक वैश्विक अर्थव्यवस्था का निर्माण हो गया?

उत्तर: औद्योगीकरण के कारण ब्रिटेन में भोजन की माँग बढ़ने लगी थी। इस माँग को पूरा करने के लिये पूर्वी यूरोप, अमेरिका, रूस और ऑस्ट्रेलिया में जोर शोर से खेती होने लगी। कृषि कार्य में मजदूरों की माँग को पूरा करने के लिये लोगों का भारी संख्या में पलायन हुआ। रेल लाइनें बिछाकर खेतों को बंदरगाहों से जोड़ा गया। इस तरह से अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में उन्नीसवीं सदी के अंत तक कृषि क्षेत्र में एक वैश्विक अर्थव्यवस्था का निर्माण हो गया।

प्रश्न:4 उन्नीसवीं सदी की मुख्य तकनीकी खोजें क्या हैं? इन खोजों ने किस तरह से अर्थव्यवस्था के भूमंडलीकरण में मदद की?

उत्तर: इस युग के कुछ मुख्य तकनीकी खोज हैं रेलवे, स्टीम शिप और टेलिग्राफ।

प्रश्न:5 बंधुआ मजदूर से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: वैसे मजदूर जो किसी खास मालिक के लिए किसी खास अवधि के लिए काम करने को प्रतिबद्ध होते हैं बंधुआ मजदूर कहलाते हैं।

प्रश्न:6 उन्नीसवीं सदी में औद्योगीकरण का भारतीय व्यापार पर क्या असर पड़ा?

उत्तर: भारत से उम्दा कॉटन के कपड़े वर्षों से यूरोप निर्यात हो रहे थे। लेकिन औद्योगीकरण के बाद स्थानीय उत्पादकों ने ब्रिटिश सरकार को भारत से आने वाले कॉटन के कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने के लिए बाध्य किया। इससे ब्रिटेन में बने कपड़े भारत के बाजारों में भारी मात्रा में आने लगे। 1800 में भारत के निर्यात में 30% हिस्सा कॉटन के कपड़ों का था। 1815 में यह गिरकर 15% हो गया और 1870 आते आते यह 3% ही रह गया। लेकिन 1812 से 1871 तक कच्चे कॉटन का निर्यात 5% से बढ़कर 35% हो गया। इस दौरान निर्यात किए गए सामानों में नील (इंडिगो) में तेजी से बढ़ोतरी हुई। भारत से सबसे ज्यादा निर्यात होने वाला सामान था अफीम जो मुख्य रूप से चीन जाता था।

प्रश्न:7 आर्थिक मंदी का भारत के शहरों पर क्या असर पड़ा?

उत्तर: भारत के शहरी क्षेत्रों में आर्थिक मंदी का उतना असर नहीं पड़ा। कीमतें घटने के कारण शहर में रहने वाले लोगों का जीवन पहले से आसान हो गया था।

प्रश्न:8 आइएएफ और वर्ल्ड बैंक को ब्रेटन वुड्स इंस्टिच्यूशन क्यों कहते हैं?

उत्तर: दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1944 की जुलाई में अमेरिका के न्यू हैंपशायर के बेटन वुड्स नामक जगह पर यूनाइटेड नेशंस मॉनिटरी ऐंड फिनांशियल कॉन्फ्रेंस हुआ था। इस कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशन मॉनिटरी फंड की स्थापना हुई। उसके बाद इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन ऐंड डेवलपमेंट की स्थापना हुई जिसे वर्ल्ड बैंक के नाम से भी जाना जाता है। इसलिये इन दो संस्थानों को ब्रेटन वुड्स इंस्टिच्यूशन भी कहते हैं।