6 नागरिक शास्त्र

विविधता की समझ

Extra Questions

प्रश्न 1: विविधता की परिभाषा लिखिए।

उत्तर: लोगों के बीच धर्म, भाषा, खान-पान, आदि के आधार पर होने वाली भिन्नता को विविधता कहते हैं।

प्रश्न 2: विविधता से क्या लाभ हैं?

उत्तर: विविधता से जीवन में कई लाभ हैं। विविधता से हमारे जीवन में कई रंग आ जाते हैं। हम संस्कृति के विभिन्न पहलुओं और प्रकारों का सम्मान करना सीखते हैं। विविधता के कारण हम अलग-अलग दृष्टिकोण से सोचना सीख लेते हैं। यदि विविधता नहीं होती तो जीवन उबाऊ हो जाता।

प्रश्न 3: विविधता के दो प्रमुख कारक क्या हैं?

उत्तर: विविधता के दो प्रमुख कारक हैं: ऐतिहासिक कारक और भौगोलिक कारक।

प्रश्न 4: भौगोलिक कारक किस तरह से विविधता को प्रभावित करते हैं? एक उदाहरण देते हुए समझाएँ।

उत्तर: भूगोल हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। भूगोल से यह तय होता है कि हमारी शक्ल कैसी है, हम क्या खाते हैं और हम क्या पहनते हैं। जम्मू और कश्मीर हिमालय के निकट होने के कारण एक ठंडी जगह है। इसलिए यहाँ के लोग अक्सर गोरे और लंबे होते हैं। ठंडी जलवायु के कारण लोग गर्म कपड़े पहनते हैं।

प्रश्न 5: व्यापार ने किस तरह विविधता लाने में मदद की है?

उत्तर: आदि काल से ही लोग व्यापार और तीर्थ के लिए यात्रा करते रहे हैं। ऐसे लोग अपने साथ अपना खानपान, पोशाक, संस्कृति और धर्म को भी ले जाते थे। स्थानीय लोग इनमें से कुछ बातों का समावेश अपने जीवन में कर लेते थे। इस तरह से लोग नये तरह के भोजन और पोशाक का इस्तेमाल करने लगे। कई लोगों ने नये धर्म को भी अपना लिया। इस तरह से व्यापार ने विविधता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

प्रश्न 6: केरल में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग कैसे आये?

उत्तर: प्राचीन काल से ही केरल व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। व्यापारी यहाँ मसाले का व्यापार करने आते थे। इन्हीं व्यापारियों के कारण केरल में लगभग 2000 वर्ष पहले इसाई धर्म आया। इसी प्रकार, अरब के व्यापारियों के कारण यहाँ इस्लाम धर्म आया। इसलिए केरल में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं; जैसे यहूदी, इसाई, इस्लाम, हिंदू और बौद्ध।

प्रश्न 7: आप कैसे कह सकते हैं कि भारत विविधताओं से भरा हुआ है?

उत्तर: भारत विविधताओं से भरा देश है। भारत में लगभग हर मुख्य धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। अलग अलग धर्म को मानने वाले कई मायनों में एक दूसरे से अलग होते हैं; जैसे रीति रिवाज, त्योहार, मान्यताएँ, खान-पान और पारंपरिक परिधान। इतनी अधिक विविधता के कारण हमारा देश सांस्कृतिक भिन्नताओं का धनी है।