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बस्तियाँ यातायात और संचार

समय बीतने के साथ इंसान अपनी जरूरतों के लिए प्रकृति पर निर्भरता कम करता गया। आदि मानव खानाबदोश जीवन जीते थे। वे भोजन की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते थे। बाद में आदमी ने खेती शुरु की, घर बनाए और यातायात तथा संचार के साधन विकसित किए।

बस्ती

जिस जगह पर लोग अपने घर बनाते हैं उसे बस्ती कहते हैं। आदि मानव पेड़ों पर और गुफाओं में रहता था। जब आदमी ने खेती की शुरुआत की तो उसके लिए एक जगह पर टिक कर रहना जरूरी हो गया। इस तरह से स्थायी बस्तियों का विकास हुआ और सभ्यता का विकास हुआ। नदी घाटी में पानी और उपजाऊ जमीन की प्रचुरता होने के कारण इन बस्तियों का विकास नदी घाटी के आस पास ही हुआ।

बस्ती के प्रकार

बस्तियाँ अस्थाई या स्थाई हो सकती हैं। बस्तियाँ ग्रामीण या शहरी भी हो सकती हैं।

अस्थाई बस्ती

जिन बस्तियों पर आदमी थोड़े समय के लिए रहते हैं उन्हें अस्थाई बस्ती कहते हैं। घने जंगल, मरुस्थल और पर्वतों पर रहने वाले लोग अक्सर अस्थाई बस्ती बनाते हैं। अस्थाई बस्ती में रहने वाले लोग जीवनयापन के लिए शिकार, भोजन संग्रह, स्थानांतरी खेती और ऋतु-प्रवास करते हैं।

स्थाई बस्ती

जिन बस्तियों में आदमी लंबे समय के लिए या फिर जीवन भर के लिए रहते हैं उन्हें स्थाई बस्ती कहते हैं। आज के दौर में अधिकतर बस्तियाँ स्थाई होती हैं।

ग्रामीण बस्ती

ऐसी बस्ती गाँवों में होती है, जहाँ के लोगों का मुख्य पेशा कृषि होता है। ऐसी बस्तियाँ दो तरह की होती हैं: सघन बस्ती और प्रकीर्ण बस्ती। सघन बस्ती में मकान एक दूसरे के पास पास होते हैं, जबकि प्रकीर्ण बस्ती में मकान एक दूसरे से दूर दूर होते हैं।

ग्रामीण इलाकों में पर्यावरण के हिसाब से घर बनाए जाते हैं। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में मकानों की छतें ढ़ाल वाली होती हैं। जिन क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या होती है वहाँ स्टिल्ट पर घर बनाए जाते हैं। असम में आपको ऐसे घर देखने को मिल जाएँगे। गर्म जलवायु वाले स्थान पर घरों की मोटी दीवार मिट्टी से बनी होती है और फूस की छत होती है। घर बनाने के लिए अक्सर आसपास उपलब्ध सामान (पत्थर, कीचड़, लकड़ी, आदि) का इस्तेमाल किया जाता है।

शहरी बस्ती

इस तरह की बस्तियाँ नगरों और शहरों में होती हैं। नगर का आकार छोटा होता है, जबकि शहर का आकार बड़ा होता है। शहर वैसा क्षेत्र होता है जहाँ के लोगों का मुख्य पेशा कृषि न होकर कुछ और होता है, जैसे व्यापार, विनिर्माण और सेवाएँ।

यातायात

लोगों और सामान को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के साधन को यातायात का साधन कहते हैं। शुरु में लोग पैदल चलते थे या पशुओं का इस्तेमाल करते थे। पहिये की खोज के बाद यातायात तेज और आसान हो गया।

यातायात के साधन

सड़क: यह यातायात का सबसे आम साधन है। छोटी दूरी तय करने के लिए सड़कमार्ग से अच्छा कुछ भी नहीं है। सड़कें कच्ची या पक्की होती हैं।

मैदानी इलाकों में सड़कों का घना जाल होता है। लेकिन मरुस्थल, पर्वतीय क्षेत्र और वनों में भी सड़कें बनाई जाती हैं। जमीन के नीचे से जाने वाली सड़क को सबवे कहते हैं। कई जगह पर रेल लाइन के ऊपर या किसी सड़क के ऊपर से भी सड़क बनाई जाती है जिसे फ्लाईओवर कहते हैं।

रेल: औद्योगिक क्रांति के समय भाप इंजन के आविष्कार ने यातायात को और भी तेज बना दिया। भाप इंजन का इस्तेमाल रेलगाड़ी चलाने के लिए होने लगा। रेलगाड़ी तेज होती है और एक साथ अधिक लोगों या सामान ले जाने के लिए यह सस्ता साधन होती है। आज भाप इंजन के स्थान पर डीजल इंजन और बिजली इंजन का प्रयोग होने लगा है। भारतीय रेल का नेटवर्क दुनिया के सघन रेल नेटवर्क में से एक है।

जलमार्ग: आदि काल से ही यातायात के लिए जलमार्ग का इस्तेमाल होता रहा है। भारी सामान को लंबी दूरी तक ले जाने का यह सबसे सस्ता साधन है। यह दो प्रकार का होता है: अंतर्देशीय जलमार्ग और समुद्री जलमार्ग। अंतर्देशीय जलमार्ग के कुछ उदाहरण हैं, भारत में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी, अफ्रिका में नील नदी और उत्तरी अमेरिका में ग्रेट लेक्स।

समुद्री मार्ग से एक देश से दूसरे देश में माल ले जाया जाता है। यह मार्ग दुनिया के महत्वपूर्ण बंदरगाहों से जुड़ा रहता है। दुनिया के कुछ महत्वपूर्ण बंदरगाह हैं: मुम्बई, सिंगापुर, न्यूयॉर्क, लॉस एंजेल्स, रियो डे जेनेरियो और सिडनी।

वायुमार्ग: यह यातायात का सबसे तेज साधन है। ईंघन की बहुत अधिक खपत होने के कारण यह एक महंगा साधन है। खराब मौसम में विमानों के संचालन में परेशानी होती है। लेकिन हवाई जहाज और हेलिकॉप्टर से दुर्गम स्थानों पर भी आसानी से पहुँचा जा सकता है। किसी भी आपदा के समय राहत पहुँचाने और लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हेलिकॉप्टर बहुत काम आते हैं। दुनिया कुछ महत्वपूर्ण हवाई अड्डे हैं, दिल्ली, मुम्बई, फ्रैंकफर्ट, पेरिस, लंदन, न्यूयॉर्क और काहिरा।

संचार

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक संदेश भेजने की प्रक्रिया को संचार कहते हैं। आज संचार के नये नये और तेज माध्यम विकसित हो चुके हैं। इससे पूरी दुनिया में सूचना क्रांति आ चुकी है। संचार से लोगों को शिक्षा भी मिलती है और मनोरंजन भी होता है।

अखबार, रेडियो और टेलीविजिन की मदद से एक बार में अनेक लोगों तक संदेश पहुँचाया जा सकता है। इसलिए इन्हें लोक संचार का माध्यम कहते हैं।

आज इंटरनेट के कारण पलक झपकते ही दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक कोई भी संदेश पहुँचाया जा सकता है। इससे न केवल व्यवसाय में मदद मिली है, बल्कि लोगों का जीवन आसान हो गया है। आज आप घर बैठे रेल, होटल या हवाई जहाज के टिकट इंटरनेट के जरिए बुक कर सकते हैं। आप ई-कॉमर्स के द्वारा अपना मनचाहा सामान खरीद सकते हैं, जिसके लिए आपको अपने दरवाजे से बाहर पैर नहीं रखने पड़ेंगे।