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जैव प्रक्रम

विषमपोषी पोषण

पोषण के जिस तरीके से कोई जीव किसी अन्य जीव से अपना भोजन ग्रहण करता है उसे विषमपोषी पोषण या हेटेरोट्रॉफिक न्युट्रिशन कहते हैं। सभी जंतु, फंजाइ और कई बैक्टीरिया विषमपोषी होते हैं।

विषमपोषी पोषण प्राप्त करने के तरीके:

विषमपोषी पोषण दो प्रकार के होते हैं, सैप्रोट्रॉफिक न्युट्रिशन और होलोजोइक न्युट्रिशन।

सैप्रोट्रॉफिक न्युट्रिशन: जब कोई जीव मृत और संड़ते हुए पदार्थों से पोषण प्राप्त करता है तो ऐसे पोषण को सैप्रोट्रॉफिक न्युट्रिशन कहते हैं। इस प्रकार के पोषण में इंजेशन (भोजन ग्रहण करने की क्रिया) से पहले ही डाइजेशन हो जाता है। इस प्रक्रिया में प्रिडेटर के शरीर के बाहर ही डाइजेशन होता है। प्रिडेटर अपने डाइजेस्टिव जूस को अपने भोजन पर डालकर जटिल पदार्थों को सरल पदार्थ में बदल देता है और उसके बाद भोजन को ग्रहण करता है। सभी फंजाइ और कई बैक्टीरिया सैप्रोट्रॉफिक न्युट्रिशन से भोजन लेते हैं।

होलोजोइक न्युट्रिशन: इस विधि में इंजेशन के बाद डाइजेशन होता है। इस विधि में डाइजेशन भोजन करने वाले जीव के शरीर के अंदर होता है। सभी जंतु होलोजोइक न्युट्रिशन कि विधि से भोजन लेते हैं। इस पाठ में आप अमीबा और मानव द्वारा पोषण के बारे में पढ़ेंगे। अमीबा एककोशिकीय जीव है, जबकि मानव बहुकोशिकीय जीव है। लेकिन दोनों ही जीव होलोजोइक न्युट्रिशन अपनाते हैं।

अमीबा में पोषण

अमीबा में पोषण निम्नलिखित चरणों में होता है:

nutrition in amoeba
  • भोजन के चारों तरफ अमीबा अपने स्यूडोपोडिया बनाता है ताकि भोजन के कण को पकड़ सके।
  • भोजन को पकड़ने के बाद सेल मेम्ब्रेन से एक फूड वैक्युओल बनता है जिसमें एक बूंद पानी के साथ भोजन को रखा जाता है।
  • इस फूड वैक्युओल के अंदर डाइजेस्टिव एंजाइम छो‌ड़े जाते हैं, जिससे डाइजेशन होता है।
  • उसके बाद पोषक पदार्थों को अवशोषित करके उनका इस्तेमाल किया जाता है।
  • उसके बाद बेकार पदार्थों को बाहर निकालने के लिये फूड वैक्युओल को खाली कर दिया जाता है।

अमीबा में होने वाले पोषण को इन चरणों में बाँटा जा सकता है: इंजेशन, डाइजेशन, एब्जॉर्पशन, एसिमिलेशन और इजेसन। भोजन को शरीर के अंदर लेने की क्रिया को इंजेशन कहते हैं। भोजन में मौजूद जटिल पदार्थों को सरल पदार्थों में बदलने की क्रिया को डाइजेशन कहते हैं। डाइजेशन के बाद बनने वाले सरल पदार्थों को शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचाने की प्रक्रिया को एब्जॉर्पशन कहते हैं। इन पोषक पदार्थों को इस्तेमाल करने की क्रिया को एसिमिलेशन कहते हैं। अनडाइजेस्टेड फूड को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को एजेशन कहते हैं। मानव शरीर में भी यही चरण होते हैं।