10 विज्ञान

जीवों में प्रजनन

एसेक्सुअल रिप्रोडक्शन

जब रिप्रोडक्शन में एक ही पैरेंट शामिल होता है, तो इसे एसेक्सुअल रिप्रोडक्शन कहते हैं। एसेक्सुअल रिप्रोडक्शन में गैमेट का निर्माण नहीं होता है। एसेक्सुअल रिप्रोडक्शन के विभिन्न तरीके निम्नलिखित हैं।

फिजन

फिजन द्वारा यूनिसेल्युलर जीव प्रजनन करते हैं। फिजन दो प्रकार के होते हैं; बाइनरी फिजन और मल्टीपल फिजन।

बाइनरी फिजन: बाइनरी फिजन द्वारा रिप्रोडक्शन का उदाहरण अमीबा में मिलता है। कई बैक्टीरिया और प्रोटोजोआ भी बाइनरी फिजन से प्रजनन करते हैं। इस विधि में कोशिका दो भागों में बँट जाती है और हर भाग एक नये इंडिविजुअल की तरह जीवन शुरु कर देता है। अमीबा में सबसे पहले न्यूक्लियस दो भागों में बँट जाता है। उसके बाद सेल का डिविजन होता है। फिर डॉटर सेल नये इंडिविजुअल की तरह अपना जीवन शुरु कर देते हैं। जिन यूनिसेल्युलर जीवों में ऑर्गेनाइजेशन का कोई लेवल नहीं रहता है उनमें बाइनरी फिजन किसी भी प्लेन से हो जाता है। लेकिन जिन यूनिसेल्युलर जीवों में ऑर्गेनाइजेशन का कोई लेवल रहता है (यानि थोड़ी जटिलता रहती है) उनमें बाइनरी फिजन किसी निश्चित प्लेन से ही होता है; जैसे लिश्मैनिया में।

multiple fission in plasmodium

मल्टिपल फिजन: मल्टिपल फिजन का उदाहरण प्लाज्मोडियम में देखने को मिलता है। इस विधि में न्यूक्लियस का डिविजन होता है जिससे कई डॉटर न्यूक्लिआई बन जाते हैं। उसके बाद सेल के चारों ओर एक सिस्ट बन जाता है ताकि सेल विषम परिस्थितियों में जिंदा बचा रह सके। जब परिस्थितियाँ अनुकूल होती हैं तो सिस्ट टूट जाता है और डॉटर न्यूक्लिआई बढ़कर नये इंडिविजुअल बन जाते हैं।

fragmentation in spirogyra

फ्रैगमेंटेशन

फ्रैगमेंटेशन से प्रजनन का उदाहरण सिंपल बॉडी ऑर्गेनाइजेशन वाले मल्टीसेल्युलर जीवों में देखने को मिलता है। ऐसे जीवों में विभिन्न प्रकार के टिशू मौजूद नहीं होते हैं। स्पाइरोगाइरा में फ्रैगमेंटेशन से प्रजनन होता है। स्पाइरोगाइरा का फिलामेंट कई टुकड़ों में टूट जाता है। फिर हर टुकड़ा बड़ा होकर एक नया इंडिविजुअल बन जाता है।

रीजेनरेशन

सही मायने में बॉडी ऑर्गेनाइजेशन होने के बावजूद कुछ मल्टीसेल्युलर जीव रीजेनरेशन द्वारा प्रजनन करते हैं। यदि ऐसे जीव का शरीर किसी भी कारण से कई टुकड़ों में कट जाता है तो हर टुकड़े से एक नये इंडिविजुअल का जन्म होता है। कटे हुए टुकड़े की कोशिकाएँ डिविजन के बाद कोशिकाओं की संख्या बढ़ाती हैं। उसके बाद इनमें डिफरेंसिएशन होता है जिससे टिशू बन जाते हैं और फिर वह जीव बनता है। लेकिन रीजेनरेशन को प्रजनन नहीं माना जा सकता है क्योंकि कोई भी जीव प्रजनन करने के लिये टुकड़ों में काटे जाने का इंतजार नहीं करेगा। प्लेनेरिया में इस विधि से प्रजनन होता है।

बडिंग

budding in hydra

बड के द्वारा रिप्रोडक्शन हाइड्रा में देखा जा सकता है। हाइड्रा के रिजेनरेटिव सेल मदर हाइड्रा के शरीर पर एक बड बनाते हैं। यह बड बड़ा होकर एक छोटे हाइड्रा जैसा दिखने लगता है। फिर यह मदर हाइड्रा के शरीर से अलग हो जाता है और एक नये इंडिविजुअल की तरह जीवन शुरु करता है।

budding in yeast

यीस्ट में भी बड द्वारा रिप्रोडक्शन होता है। यीस्ट एक यूनिसेल्युलर जीव है इसलिये इसमें बड का निर्माण हाइड्रा से बिलकुल अलग होता है।