सबसे पहले वेद की रचना आज से लगभग 3500 वर्ष पहले हुई थी। आपको शायद पता होगा कि चार वेदों के नाम हैं ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। इनमें से सबसे पहले ऋग्वेद की रचना हुई थी।
ऋग्वेद में 1000 से अधिक प्रार्थनाएँ हैं जिन्हें सूक्त कहा जाता है। सूक्त का मतलब होता है ‘अच्छी तरह से बोला गया’।
ऋग्वेद में तीन मुख्य देवताओं का वर्णन है। आग के देवता अग्नि हैं, वर्षा के देवता इंद्र हैं और सोम एक पौधा है। इस पौधे से एक विशेष प्रकार का पेय बनाया जाता था।
ऋग्वेद की प्रार्थनाएँ लोगों के लिए वर्षा और आग के महत्व को दर्शाती हैं। हम जानते हैं कि अच्छी फसल के लिए वर्षा जरूरी है। प्रचुर मात्रा में पीने के पानी के लिए भी वर्षा जरूरी है। आग का इस्तेमाल हम भोजन पकाने और अन्य कई कामों के लिए करते हैं।
इन प्रार्थनाओं की रचना ऋषियों द्वारा की गई थी, जो अत्यंत विद्वान पुरुष होते थे। कुछ महिलाओं ने भी ऐसी प्रार्थनाओं की रचना की है। ऋग्वेद में प्राक-संस्कृत या वैदिक संस्कृत का प्रयोग हुआ है। यह आज की संस्कृत से कुछ कुछ अलग है।
ऋग्वेद से कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलती हैं। NCERT की किताब के इस अध्याय में ऋग्वेद से कुछ सूक्तों को लिया गया है, जो कि विश्वमित्र और नदियों के बीच हुई बातचीत के बारे में है। इस बातचीत का सरल अनुवाद नीचे दिया गया है:
ऋषि विश्वमित्र ने नदी की तुलना गाय और घोड़े से की है। वह नदी पार करना चाहते हैं। इसलिए वह नदी से प्रार्थना कर रहे हैं ताकि सुरक्षित पार कर जाएँ। इससे ये बाते पता चलती हैं:
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