10 विज्ञान

कार्बन और उसके यौगिक

सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन

हाइड्रोकार्बन: जो ऑर्गेनिक कंपाउंड केवल हाइड्रोजन और कार्बन से मिलकर बने होते हैं उन्हें हाइड्रोकार्बन कहते हैं। हाइड्रोकार्बन दो प्रकार के होते हैं; सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन।

  1. सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन: जिस हाइड्रोकार्बन में कार्बन परमाणुओं के बीच का हर बॉन्ड सिंगल बॉन्ड होता है उसे सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन कहते हैं। इन्हें एल्केन भी कहा जाता है। एल्केन का जेनरल फॉर्मूला है: CnH2n+2 एल्केन के कुछ उदाहरण हैं: मीथेन, ईथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन, आदि।
  2. अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन: जिस हाइड्रोकार्बन में कार्बन परमाणुओं के बीच डबल बॉन्ड या ट्रिपल बॉन्ड भी हो उसे अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं; एल्कीन और एल्काइन।
  3. एल्कीन: जिस हाइड्रोकार्बन में एक डबल बॉन्ड हो उसे एल्कीन कहते हैं। एल्कीन का जेनरल फॉर्मूला है: CnH2n एल्कीन के कुछ उदाहरण हैं; इथीन, प्रोपीन, ब्यूटीन, आदि।
  4. एल्काइन: जिस हाइड्रोकार्बन में एक ट्रिपल बॉन्ड हो उसे एल्काइन कहते हैं। एल्काइन का जेनरल फॉर्मूला है; CnH2n-2 एल्काइन के कुछ उदाहरण हैं; इथाइन, प्रोपाइन, ब्यूटाइन, आदि।

चेन, शाखाएँ और रिंग

structural isomer of butane

कार्बन के परमाणु लंबी चेन, उनकी शाखाएँ और रिंग बना सकते हैं। मीथेन, इथेन और प्रोपेन क्रमश: एक, दो और तीन कार्बन परमाणुओं से बने हैं। कार्बन परमाणुओं की इतनी छोटी संख्या से शाखा या रिंग का बनना संभव नहीं है। इसलिये हम कार्बन के 4 परमाणुओं वाले कंपाउंड ब्यूटेन (C4H10) का उदाहरण लेते हैं। ब्यूटेन की दो संभावित संरचना हो सकती है।

ब्यूटेन की एक संरचना में कार्बन के परमाणु एक चेन में लगे हुए हैं। ब्यूटेन की दूसरी संरचना में कार्बन के परमाणु की चेन में दो शाखाएँ हैं।

structural formula of cyclohexane
structural formula of benzene

अब कार्बन के 6 परमाणुओं वाले कंपाउंड हेक्साइन (C6H12) का उदाहरण लेते हैं। हेक्साइन में कार्बन के परमाणु चेन में या शाखाओं में लगे हो सकते हैं। इसके अलावा कार्बन के परमाणु एक रिंग भी बना सकते हैं; जैसा साइल्कोहेक्सेन में होता है। साइक्लोहेक्सेन में कार्बन परमाणुओं के बीच के सारे बॉन्ड सिंगल बॉन्ड होते हैं इसलिये यह एक सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन है।

बेंजीन (C6H6) एक साइक्लिक हाइड्रोकार्बन है। इसमें डबल बॉन्ड हैं, इसलिये यह एक अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन है। इससे स्पष्ट है कि साइक्लिक हाइड्रोकार्बन सैचुरेटेड भी हो सकते हैं और अनसैचुरेटेड भी।

फंक्शनल ग्रुप

हेटेरोएटम: हाइड्रोजन के अलावा; कार्बन लगभग अन्य सभी तत्वों के साथ बॉन्ड बना सकता है। ये तत्व हाइड्रोकार्बन में से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देते हैं। इन तत्वों को हेटेरोएटम कहते हैं।

फंक्शनल ग्रुप: जब किसी ऑर्गेनिक कंपाउंड में कोई हेटेरोएटम उपस्थित रहता है तो इससे उस कंपाउंड को कुछ खास गुण मिल जाते हैं। समान हेटेरोएटम वाले कंपाउंड के किसी खास समूह के हर कंपाउंड में वह खास लक्षण होते हैं; चाहे कार्बन की चेन छोटी हो या बड़ी। इसलिये इन हेटेरोएटम को फंक्शनल ग्रुप कहते हैं।

होमोलोगस सीरीज

समान फंक्शनल ग्रुप वाले कार्बनिक कंपाउंड की सीरीज को होमोलोगस सीरीज कहते हैं। एक होमोलोगस सीरीज के सदस्य निम्नलिखित लक्षण दिखाते हैं:

निम्नलिखित उदाहरण से यह पता चलता है कि होमोलोगस सीरीज के क्रमवार सदस्यों का मॉलिक्युलर मास 14 u से बढ़ता है।

मीथेन: CH4
मॉलिक्युलर मास = 12 + 4 × 1 = 12 + 4 = 16 u
इथेन: C2H6
मॉलिक्युलर मास = 2 × 12 + 6 × 1 = 24 + 6 = 30 u
अंतर = 30 – 16 = 14 u
प्रोपेन: C3H8
मॉलिक्युलर मास = 3 × 12 + 8 × 1 = 36 + 8 = 44 u
अंतर = 44 – 30 = 14 u

इसे समझने के लिये एक और उदाहरण लेते हैं:

मीथेनॉल: CH3OH
मॉलिक्युलर मास = 12 + 3 × 1 + 16 + 1 = 12 + 3 + 16 + 1 = 32 u
इथेनॉल: C2H5OH
मॉलिक्युलर मास = 2 × 12 + 5 × 1 + 16 + 1 = 24 + 5 + 16 + 1 = 46 u
अंतर = 46 – 32 = 14 u
प्रोपेनॉल: C3H7OH
मॉलिक्युलर मास = 3 × 12 + 7 × 1 + 16 + 1 = 36 + 7 + 16 + 1 = 60 u
अंतर = 60 – 46 = 14 u

कार्बनिक कंपाउंड का नामकरण

कार्बनिक कंपाउंड की संख्या बहुत बड़ी है। इसलिये कार्बनिक कंपाउंड के स्टैंडर्ड नामकरण और भ्रम की स्थिति दूर करने के लिये नामकरण के एक सिस्टम की जरूरत पड़ती है। कार्बनिक कंपाउंड के नामकरण के लिये निम्नलिखित नियम हैं: