10 विज्ञान

कार्बन और उसके यौगिक

कार्बनिक कंपाउंड के रासायनिक गुण

दहन

कार्बन जब ऑक्सीजन में दहन करता है तो ऊष्मा निकलती है और कार्बन डाइऑक्साइड बनता है। यह बात कार्बन के हर अपरूप पर लागू होती है। इसलिये सभी ऑर्गेनिक कंपाउंड हवा में दहन करके कार्बन डाइऑक्साइड बनाते हैं और ऊष्मा तथा रोशनी पैदा करते हैं। आपको याद होगा कि दहन एक ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया है। दहन एक प्रकार की प्रतिक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ ऑक्सीकृत होकर ऊष्मा और प्रकाश पैदा करता है।

C + O2 ⇨ CO2 + heat and light

CH4 + 2O2 ⇨ CO2 + 2H2O + heat and light

CH3CH2OH + 3O2 ⇨ 2CO2 + 3H2O + heat and light

सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन के दहन से साफ ज्वाला निकलती है, जबकि अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन के दहन से काले धुएँ वाली पीली ज्वाला निकलती है। ऐसा इसलिये होता है कि सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है, जबकि अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन के साथ ऐसा नहीं होता है।

साफ ज्वाला के लिये ऑक्सीजन की उचित सप्लाई भी जरूरी होती है। गैस स्टोव और अन्य स्टोव में जलने वाले ईंधन को ऑक्सीजन की उचित सप्लाई के लिये उचित व्यवस्था बनी होती है। जब कभी हवा की सप्लाई में कोई बाधा आती है तो बर्नर से साफ ज्वाला नहीं निकलती है। जब किसी गैस स्टोव का बर्नर जाम हो जाता है तो इसमें से काले धुएँ वाली ज्वाला निकलती है जिससे बरतन काले पड़ जाते हैं।

कोई पदार्थ ज्वाला के साथ या ज्वाला के बिना क्यों जलता है?

गैसीय पदार्थों के जलने पर ही ज्वाला उत्पन्न होती है। इसलिये जब कोई पदार्थ जलने पर वाष्प बनाता है तो वह पदार्थ ज्वाला के साथ जलता है। यदि कोई पदार्थ जलने पर वाष्प नहीं बनाता है तो वह ज्वाला के बिना जलता है।

ऑक्सीकरण

जब अल्कोहल को क्षारीय KMnO4 या अम्लीकृत K2Cr2O7 की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो यह अल्कोहल से बदलकर कार्बोक्सिलिक एसिड बन जाता है। ऐसा अल्कोहल के ऑक्सीकरण के कारण होता है। इस प्रतिक्रिया में पोटाशियम परमैंगनेट या पोटाशियम डाइक्रोमेट प्रबल ऑक्सिडाइजिंग एजेंट हैं।

oxidation of ethanol

एडिशन रिएक्शन

निकेल या पैलेडियम उत्प्रेरक की उपस्थिति में अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन एडिशन रिएक्शन करते हैं। एडिशन रिएक्शन के बाद अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन में हाइड्रोजन का एडिशन होता है जिससे सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन बनता है।

addition reaction in unsaturated hydrocarbon

एडिशन रिएक्शन का इस्तेमाल वेजिटेबल ऑयल के हाइड्रोजिनेशन के लिये किया जाता है। इसके लिये निकेल को कैटालिस्ट की तरह इस्तेमाल किया जाता है। वेजिटेबल ऑयल में अक्सर अनसैचुरेटेड कार्बन चेन होती है, जबकि जानवरों के फैट में सैचुरेटेड कार्बन चेन होती है। अनसैचुरेटेड फैटी एसिड हमारे स्वास्थ के लिये लाभदायक होता है और उससे कोलेस्टेरॉल के जमने का खतरा भी कम रहता है।

प्रतिस्थापन या सब्स्टिच्यूशन रिएक्शन

सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन काफी हद तक स्टेबल और अनरिएक्टिव होते हैं। लेकिन सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरीन सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन से हाइड्रोजन को एक एक करके विस्थापित कर देता है। इस प्रतिक्रिया को सब्स्टिच्यूशन रिएक्शन कहते हैं।

CH4 + Cl2 ⇨ CH3Cl + HCl (in sunlight)

CH3Cl + Cl2 ⇨ CH2Cl2 + HCl (in sunlight)

CH2Cl2 + Cl2 ⇨ CHCl3 + HCl (in sunlight)

CHCl3 + Cl2 ⇨ CCl4 + HCl (in sunlight)