9 समाज शास्त्र

संविधान निर्माण

NCERT अभ्यास

प्रश्न 1: नीचे कुछ गलत वाक्य दिए गए हैं। हर एक में की गई गलती पहचानें और इस अध्याय के आधार पर उसको ठीक करके लिखें।

(a) स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो या नहीं, इस विषय पर स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।

उत्तर: स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो, इस विषय पर स्वतंत्रता आंदोलन के नेता एकमत थे।

(b) भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य संविधान में कही गई हरेक बात पर सहमत थे।

उत्तर: भारतीय संविधान सभा के विभिन्न सदस्यों के बीच संविधान में कही गई कई बातों पर मतभेद थे।

(c) जिन देशों में संविधान है वहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही होगी।

उत्तर: यह जरूरी नहीं कि जिन देशों में संविधान है वहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही होगी, बल्कि जिन देशों में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है वहाँ संविधान जरूर है।

(d) संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है इसलिए इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।

उत्तर: संविधान में बदलते समय की जरूरतों के हिसाब से बदलाव यानि संशोधन का प्रावधान है।

प्रश्न 2: दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में, इनमें से कौन सा टकराव का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु था:

  1. दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का
  2. स्त्रियों और पुरुषों का
  3. गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का
  4. रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का

उत्तर: (c) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का

प्रश्न 3: लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन सा प्रावधान नहीं रहता?

  1. शासन प्रमुख के अधिकार
  2. शासन प्रमुख का नाम
  3. विधायिका के अधिकार
  4. देश का नाम

उत्तर: (b) शासन प्रमुख का नाम

प्रश्न 4: संविधान निर्माण में इन नेताओं और उनकी भूमिका में मेल बैठाएँ

(a) मोतीलाल नेहरू1. संविधान सभा के अध्यक्ष
(b) बी. आर. अंबेडकर2. संविधान सभा की सदस्य
(c) राजेंद्र प्रसाद3. प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष
(d) सरोजिनी नायडू4. 1928 में भारत का संविधान बनाया

उत्तर: (a) 4, (b) 3, (c) 1, (d) 2

प्रश्न 5: जवाहर लाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दें:

(a) नेहरू ने क्यों कहा कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है?

उत्तर: आजादी की लड़ाई के दौरान नेताओं देश और देश के लोगों के भविष्य निर्माण के लिए कई वादे किए थे। उन सभी वादों को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम की जरूरत थी। यह परिश्रम केवल उन नेताओं को ही नहीं करना था बल्कि देश के हर व्यक्ति को करना था। इसलिए नेहरू ने कहा था कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है।

(b) नए भारत के सपने किस तरह विश्व से जुड़े हैं?

उत्तर: कोई भी देश दुनिया से अलग थलग नहीं रह सकता। किसी भी देश में होने वाली घटनाओं का पूरी दुनिया पर असर पड़ता है और दुनिया में होने वाली घटनाओं का हर देश पर असर पड़ता है। दूसरे शब्दों में कहें तो दुनिया के हर भाग एक दूसरे से किसी न किसी रूप में जुड़े होते हैं। इसलिए यह बात सही है कि नए भारत के सपने विश्व से जुड़े हुए हैं।

(c) वे संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे?

उत्तर: वे संविधान निर्माताओं से भारत की सेवा करने का शपथ चाहते थे।

(d) “हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आँख से आँसू पोंछने की है।“ वे इस बयान में किसका जिक्र कर रहे थे?

उत्तर: महात्मा गांधी

प्रश्न 6: हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए

(a) संप्रभु1. सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी
(b) गणतंत्र2. फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है
(c) बंधुत्व3.शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है
(d) धर्मनिरपेक्ष4. लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए

उत्तर: (a) 2, (b) 3, (c) 4, (d) 1

प्रश्न 7: कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र ने वहाँ की राजनैतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहाँ अनेक राजनैतिक पार्टियाँ राजा के शासन का विरोध कर रही थीं। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज्यादा अधिकार दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधान सभा गठित करने की मांग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।

उत्तर: विचारों में मतभेद एक सतत प्रक्रिया है। नेपाल की राजनैतिक पार्टियों में इस तरह का मतभेद नैसर्गिक है। सभी पार्टियों को चाहिए कि वे एक बैठक करें जिसमें सभी बिंदुओं पर चर्चा हो ताकि हर किसी की शंका का निवारण हो सके। उसके बात आम सहमति से जो बात तय होती है उस बात को मानने के लिए सभी को तैयार होना चाहिए।

प्रश्न 8: भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्वपूर्ण कारक मानते हैं?

  1. अंग्रेज शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रांतीय एसेंबलियों के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।
  2. हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह तरह की आजादी न दिए जाने का विरोध किया। ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था।
  3. हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

उत्तर: इनमें से दूसरा कथन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष ने यहाँ के नेताओं को एक दूसरे के विचारों और भावनाओं की कद्र करने का पाठ सिखाया होगा। उन्हें यह भी पता चल गया होगा कि लोगों की सामूहिक शक्ति कितनी बड़ी हो सकती है। इससे हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की लोकतंत्र में आस्था मजबूत हुई होगी, जिसके बारे में तीसरे कथन में कहा गया है। पहला कथन लोकतंत्र के बारे में कम और सरकार चलाने की कला के बारे में अधिक है। अंग्रेजी शासकों ने अपनी मर्जी से प्रांतीय एसेंबली नहीं बनाई थी बल्कि राष्ट्रवादी आंदोलन के दबाव में आकर यह सब हुआ था।

प्रश्न 9: 1912 में प्रकाशित 'विवाहित महिलाओं के लिए आचरण' पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें:

"ईश्वर ने औरत जाति को शारीरिक और भावनात्मक, दोनों ही तरह से ज्यादा नाजुक बनाया है। उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने ही उन्हें जीवन भर पुरुषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है – कभी पिता के, कभी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुगृहीत होना चाहिए कि वे अपने आपको पुरुषों की सेवा में समर्पित कर सकती हैं।"

क्या इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं?

उत्तर: यह वक्तव्य संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं क्योंकि इसमें लिंग के आधार पर भेदभाव की बात कही गई है।

प्रश्न 10: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए।

(a) संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।

उत्तर: संविधान के नियम अन्य कानूनों से ऊपर हैं, क्योंकि अन्य कानूनों को संविधान द्वारा परिभाषित खाके के आधार पर बनाया जा सकता है। यदि कोई नया कानून संविधान के मूल प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उसे खारिज कर दिया जाता है।

(b) संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विभिन्न अंगों का गठन किस तरह होगा।

उत्तर: सहमत

(c) नागरिकों के अधिकार और सरकार की सत्ता की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है।

उत्तर: सहमत

(d) संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना देना नहीं है।

उत्तर: संविधान की प्रस्तावना में मूल्यों की चर्चा है। उसके बाद के अध्यायों में संस्थाओं की बात की गई है। इसलिए यह कथन गलत है।