9 समाज शास्त्र

नात्सीवाद और हिटलर

NCERT अभ्यास

प्रश्न 1: वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएँ थीं?

उत्तर: वाइमर गणराज्य के सामने निम्नलिखित समस्याएँ थीं:

प्रश्न 2: इस बारे में चर्चा कीजिए कि 1930 तक आते-आते जर्मनी में नात्सीवाद को लोकप्रियता क्यों मिलने लगी?

उत्तर: जिस तरीके से वाइमर गणराज्य ने वर्साय संधि पर आसानी से सहमति दे दी थी उससे अधिकतर जर्मनी वासी खुश नहीं थे। युद्ध संबंधित हर्जाने की भारी राशि चुकाने के कारण अर्थव्यवस्था खराब हालत में थी और लोगों के कष्ट बढ़े हुए थे। ऐसे में हिटलर ने अपने आप को किसी मसीहा की तरह पेश किया। भाषण देने की कला में उसका कोई जोड़ नहीं था। अपने लोकलुभावने वादों से उसने जनता का दिल जीत लिया और 1930 आते आते नात्सीवाद लोकप्रिय होने लगा।

प्रश्न 3: नात्सी सोच के खास पहलू कौन से थे?

उत्तर: नात्सी सोच के खास पहलू निम्नलिखित हैं:

प्रश्न 4: नात्सियों का प्रोपेगैंडा यहूदियों के खिलाफ नफरत पैदा करने में इतना असरदार कैसे हुआ?

उत्तर: नात्सी शासन ने भाषा और मीडिया का प्रभाशाली इस्तेमाल किया था। उन्होंने हत्या या नरसंहार के लिए दस्तावेजों में अन्य शब्दों का इस्तेमाल किया जो भ्रामक थे, जैसे विशेष व्यवहार, अंतिम समाधान, चयन, संक्रमण मुक्ति, आदि। नात्सी विचारधारा को फैलाने के लिए फोटो, फिल्म, रेडियो, पोस्टर, नारों, आदि का इस्तेमाल किया। नात्सी विचारधारा का विरोध करने वालों को अलग अलग दुष्प्रचारों के जरिये बुरा दिखाया जाता था।

प्रश्न 5: नात्सी समाज में औरतों की क्या भूमिका थी? फ्रांसीसी क्रांति और नात्सी शासन में औरतों की भूमिका के बीच क्या फर्क था? एक पैराग्राफ में बताएँ।

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। महिलाओं ने वोटिंग अधिकार के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। लेकिन नात्सी समाज में महिलाओं की कोई सक्रिय भूमिका नहीं थी। हिटलर का मानना था कि शुद्ध नस्ल के बच्चे पैदा करना ही महिला की एकमात्र जिम्मेदारी थी।

प्रश्न 6: नात्सियों ने जनता पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए कौन कौन से तरीके अपनाए?

उत्तर: नात्सियों ने जनता पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए: