प्रश्न 1: मान लीजिए आप एक अंधेरे कमरे में हैं। क्या आप कमरे में वस्तुओं को देख सकते हैं? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तर: हम जानते हैं कि प्रकाश की अनुपस्थिति में हम कुछ भी नहीं देख सकते हैं। इसलिए कमरे के अंदर की वस्तुओं को देख पाना संभव नहीं है। यदि कमरे के बाहर प्रकाश है तो ही हम कमरे के बाहर की वस्तुओं को देख सकते हैं, अन्यथा नहीं।
प्रश्न 2: नियमित तथा विसरित परावर्तन में अंतर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं?
उत्तर:
नियमित परावर्तन | विसरित परावर्तन |
---|---|
परावर्तित किरणें समांतर होती हैं। | परावर्तित किरणें समांतर नहीं होती हैं। |
स्पष्ट प्रतिबिंब बनता है। | स्पष्ट प्रतिबिंब नहीं बनता है। |
परावर्तन के नियमों का पालन होता है। | परावर्तन के नियमों का पालन होता है। |
प्रश्न 3: निम्न में से प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समांतर किरण पुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा। प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
उत्तर: केवल दर्पण से ही नियमित परावर्तन होगा। अन्य सतहों से विसरित परावर्तन होगा। अन्य सतह दिखने में चिकने हैं लेकिन असल में चिकने नहीं हैं।
प्रश्न 4: परावर्तन के नियम बताइए।
उत्तर: परावर्तन के दो नियम हैं जो नीचे दिए गए हैं।
प्रश्न 5: यह दर्शाने के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर अभिलंब एक ही तल में होते हैं, एक क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर: इसके लिए एक चार्ट पेपर, टॉर्च और समतल दर्पण लीजिए। टॉर्च के अगले हिस्से पर एक काला कागज चिपका कर उसके बीच एक छोटा छेद कर दीजिए। इससे प्रकाश की एक पतली बीम मिल जाएगी।
प्रश्न 6: रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
उत्तर: (a) 2, (b) बाएँ, बाएँ, (c) बड़ा, (d) अधिक
प्रश्न 7: आपतन कोण परावर्तण कोण के बराबर होता है
उत्तर: सदैव
प्रश्न 8: समतल दर्पण द्वारा बनाया गया प्रतिबिंब होता है
उत्तर: आभासी, दर्पण के पीछे तथा बिंब के साइज के बराबर
प्रश्न 9: कैलाइडोस्कोप की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर: कैलाइडॉस्कोप में एक खोखली नली होती है। नली के भीतर तीन सतमल दर्पण इस तरह रखे होते हैं कि उनके किनारे मिलकर एक त्रिभुज बनाते हैं। इस तरह एक नली बन जाती है जिसके सिरे त्रिभुजाकार होते हैं। इस नली के एक सिरे पर एक पारदर्शी शीट और दूसरे सिरे पर एक अपारदर्शी शीट लगी होती है। अपारदर्शी शीट में एक आईहोल बना रहता है। ट्यूब के भीतर काँच के रंग-बिरंगे टुकडे भरे रहते हैं। जब कैलाइडोस्कोप को घुमाया जाता है तो अनगिनत रंगबिरंगे पैटर्न बनते हैं। ऐसा बहु प्रतिबिंब बनने के कारण होता है।
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